तुमको पास बुलाती आंखें, ख्वाबों को दुलराती आंखें। तुमको पास बुलाती आंखें, ख्वाबों को दुलराती आंखें।
आवारा कुत्तों सांडों को, ये तो रोज़ भगाता है। इसके ही कारण हरियाली, देवालय में छाई आवारा कुत्तों सांडों को, ये तो रोज़ भगाता है। इसके ही कारण हरियाली, देव...
अगर ऐसा होता कि मैं बन जाती , अलौकिक शक्तियों की स्वामिनी। सर्वप्रथम हवन कुंड एक बनात अगर ऐसा होता कि मैं बन जाती , अलौकिक शक्तियों की स्वामिनी। सर्वप्रथम हवन क...
हरयाणवी कविता हरयाणवी कविता
सड़क किनारे करहाती हाथों में जिसके ज़ख्म हुए और रोटी को चिल्लाती मैंने देखी ममता, सड़क किनारे करहाती हाथों में जिसके ज़ख्म हुए और रोटी को चिल्लात...
उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होकर भी क्यों उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होक...